नामकरण शुभ मुहूर्त 2023

नामकरण शुभ मुहुर्त 2023: हमारे प्राचीन धर्म शास्त्रों में नामकरण संस्कार को काफी महत्व दिया गया है। आज-कल माता-पिता लापरवाही से अपनी संतान का नाम किसी भी समय पर रख देते हैं। किन्तु, हमारे रीति-रिवाजों के अनुसार नामकरण संस्कार के दौरान परिवार के वरिष्ठ सदस्यों की उपस्थिति और मार्गदर्शन में ही एक नवजात बच्चे का नाम रखा जाना चाहिए। नाम व्यक्ति के अस्तित्व को पहचान प्रदान करता है।
इस लेख में हम नामकरण संस्कार के महत्व को बताएँगे और इसे आयोजित करने के विशेष समय के बारे में भी बताएँगे। एक विशेष मुहूर्त में समारोह का आयोजन करना अतिशुभ माना जाता है। जिस तरह शुभ मुहूर्त का पालन करके अन्य शुभ कार्य किये जाते है, उसी प्रकार नामकरण संस्कार को भी शुभ मुहूर्त का पालन करके करना चाहिए। नामकरण संस्कार को न केवल धार्मिक, बल्कि ज्योतिषीय आधार पर भी इसका सर्वोच्च महत्व है।
नामकरण संस्कार बच्चे के साथ-साथ उसके माता-पिता के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। इसलिए इसे शुभ मुहूर्त में करना अनिवार्य है। आपके मन में सवाल उठता होगा कि आखिर अपने बच्चे का नाम शुभ मुहूर्त में क्यों रखना चाहिए? इसके आलावा भी महत्वपूर्ण सवाल यह है कि बच्चे का नामकरण क्यों करना चाहिए? आपके इन सभी सवालों के जवाब आपको आगे इस लेख में मिल जायेंगे। यहां आपको आपके सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे। इस लेख में हम उनपर विस्तार से बात करेंगे।
आपको बता दें कि हमारे धर्म शास्त्र (नामकरण शुभ मुहुर्त 2023) में मनुष्य के जीवन काल में कुल 16 संस्कार बताए गए हैं। और इन्हे वैदिक काल से ही ऋषियो और मुनियो द्वारा समर्थन किया गया था। यह संस्कार व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु तक होते हैं। नामकरण संस्कार हमारे सोलह संस्कारों में से एक है जिसे हमें पूर्ण श्रद्धा और विधि विधान से करना चाहिए। एक बच्चे का यह पहला और सबसे अधिक महत्वपूर्ण संस्कार है और अगर परिवार द्वारा पूर्ण श्रद्धा -विश्वास के साथ किया जाता है, तो यह बच्चे के जीवन में अच्छे परिणाम देता है।
आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपके बच्चे का नाम पंडित के मार्गदर्शन में शुभ दिन में रखा जाता है। इससे आपके बच्चे को आजीवन लाभ मिलता है।
हमारे प्राचीन धर्म शास्त्रों के अनुसार आप अपने बच्चे का जब नाम (नामकरण शुभ मुहुर्त 2023) रखते है, उसमें एक ऊर्जा होती है। यह भौतिक और आध्यात्मिक तरीके से बच्चे के विकास में मदद करता है। हमारे धर्म में जन्म से ही सबके जीवन में कई तरह के समारोह होते हैं। उन में से एक बच्चे का नामकरण अनुष्ठान शामिल है। यह औपचारिक आयोजन है, जिसमें शिशु का नाम रखा जाता है। परिवार और समाज द्वारा बच्चे का स्वागत किया जाता है और उसे एक पहचान दी जाती है।
पारंपरिक नामकरण संस्कार बच्चे को आगे चल कर समाज में अच्छी छबि बनाने में मदद करता है। लेकिन इसके लिए सही मुहूर्त की पहचान करना बहुत आवश्यक है। इस लेख में हम आपके बच्चे का नामकरण समारोह 2023 (namkaran shubh muhurat 2023) की मुहूर्त और समय की सभी जानकारी प्रदान करेंगे। यदि आप नामकरण की सही प्रक्रिया के बारे में असमंजस में हैं, तो किसी ज्योतिषी या हम से भी संपर्क कर सकते हैं। हम आपके बच्चे की कुंडली का विस्तृत अध्ययन करके, नामकरण दिवस समारोह का निर्णय करेंगे।

नामकरण संस्कार 2023 मुहूर्त (naamkaran shubh muhurat 2023)
अगस्त 2023: नामकरण के लिए शुभ मुहूर्त (नामकरण शुभ मुहुर्त 2023)
दिन | समय | नक्षत्र |
---|---|---|
बुधवार, 02 अगस्त 2023 | 05 :49 मिनट से 03अगस्त 09 :55 मिनट तक | श्रवण |
शनिवार, 05 अगस्त 2023 | 04 :43 मिनट से 05 :46 मिनट तक | उत्तरा भाद्रपद |
रविवार, 06 अगस्त 2023 | 05 : 47 मिनट से 08 अगस्त 01 :14 मिनट तक | रेवती |
गुरुवार, 10 अगस्त 2023 | 02 : 30 मिनट से 12 अगस्त 05 : 50 मिनट तक | रोहिणी |
सोमवार, 14 अगस्त 2023 | 11 : 09 मिनट से 15 अगस्त 05 : 50 मिनट तक | पुष्य |
रविवार, 20 अगस्त 2023 | 05 :59 मिनट से 21 अगस्त 04 : 16 मिनट तक | हस्त |
गुरुवार, 24 अगस्त 2023 | 09 : 06 मिनट से 25 अगस्त 09 :09 मिनट तक | अनुराधा |
सोमवार, 28 अगस्त 2023 | 05 :18 मिनट से 29 अगस्त 06 :01 मिनट तक | उत्तरा आषाढ़ा |
बुधवार, 30 अगस्त 2023 | 06 :01 मिनट से 20 : 46 मिनट तक | धनिष्ठा |
सितंबर 2023: नामकरण के लिए शुभ मुहूर्त (नामकरण शुभ मुहुर्त 2023)
दिन | समय | नक्षत्र |
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शुक्रवार, 01 सितंबर 2023 | 14 : 56 मिनट से 02 सितंबर 06 : 01 मिनट तक | उत्तरा भाद्रपद |
रविवार, 03 सितंबर 202, | 06 : 03 मिनट से 04 सितंबर 09 : 26 मिनट तक | रेवती |
बुधवार, 06 सितंबर 2023 | 09 : 20 मिनट से 08 सितंबर 12 : 09 मिनट तक | रोहिणी |
रविवार, 10 सितंबर 2023 | 17 : 03 से 11 सितंबर 19 : 59 तक | पुष्य |
रविवार, 17 सितंबर 2023 | 06 : 10 मिनट से 10 : 01 मिनट तक | हस्त |
बुधवार, 20 सितंबर 2023 | 14 : 59 मिनट से 21 सितंबर 15 : 32 मिनट तक | अनुराधा |
रविवार, 24 सितंबर 2023 | 13 : 42 मिनट से 26 सितंबर 06 : 12 मिनट तक | उत्तरा आषाढ़ा |
शुक्रवार, 29 सितंबर 2023 | 01 :51 मिनट से 30 सितंबर 06 : 17 मिनट तक | उत्तरा भाद्रपद |
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अक्टूबर 2023: नामकरण के लिए शुभ मुहूर्त (नामकरण शुभ मुहुर्त 2023)
दिन | समय | नक्षत्र |
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रविवार, 01 अक्टूबर 2023 | 06 :19 मिनट से 19:25 मिनट तक | अश्विनी |
बुधवार, 04 अक्टूबर 2023 | 06 :19 मिनट से 05 अक्टूबर 19 :39 मिनट तक | रोहिणी |
रविवार, 08 अक्टूबर 2023 | 06 : 22 मिनट से 09 2 :44 मिनट तक | पुष्य |
शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2023 | 14 :11 मिनट से 14 अक्टूबर 06 :24 मिनट तक | हस्त |
बुधवार, 18 अक्टूबर 2023 | 06 : 27 मिनट से 21:02 बजे तक | अनुराधा |
रविवार, 22 अक्टूबर 2023 | 06 :29 मिनट से 24 अक्टूबर 06 :31 मिनट तक | उत्तरा अषाढ़ा |
गुरुवार, 26 अक्टूबर 2023 | 11 : 29 मिनट से 28 अक्टूबर 6 :30 मिनट तक | उत्तरा भाद्रपद |
मंगलवार, 31 अक्टूबर 2023 | 04 :01 मिनट से 06 :35 मिनट तक | रोहिणी |
नवबंर 2023: नामकरण के लिए शुभ मुहूर्त (नामकरण शुभ मुहुर्त 2023)
दिन | समय | नक्षत्र |
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बुधवार, 01 नवंबर 2023 | 06 : 36 मिनट से 02 नवंबर 04 : 36 मिनट तक | मृगशिरा |
रविवार, 05 नवंबर 2023 | 06 :42 मिनट से 10 : 26 मिनट तक | पुष्य |
गुरुवार, 09 नवंबर 2023 | 21 :59 मिनट से 11 नवंबर 12 : 08 मिनट तक | हस्त |
मंगलवार, 14 नवंबर 2023 | 03 : 23 मिनट से 06 :43 मिनट तक | अनुराधा |
शनिवार, 18 नवंबर 2023 | 01 :19 मिनट से 06 : 47 मिनट तक | उत्तरा आषाढ़ा |
रविवार, 19 नवंबर 2023 | 06 : 50 मिनट से 20 नवंबर 21 :26 मिनट तक | श्रवण |
बुधवार, 22 नवंबर 2023 | 18 : 42 से 25 नवंबर 06 : 54 तक | उत्तरा भाद्रपद |
सोमवार, 27 नवंबर 2023 | 13 : 37 मिनट से 28 नवंबर 06 : 56 मिनट तक | रोहिणी |
बुधवार, 29 नवंबर 2023 | 06 : 58 मिनट से 13 : 59 मिनट तक | मृगशिरा |
दिसबंर 2023: नामकरण के लिए शुभ मुहूर्त
दिन | समय | नक्षत्र |
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शुक्रवार, 01 दिसंबर 2023 | 04 : 40 मिनट से 02 दिसंबर 07:00 बजे तक | पुष्य |
गुरुवार, 07 दिसंबर 2023 | 06 : 28 मिनट से 8 दिसंबर 08 : 54 मिनट तक | हस्त |
सोमवार, 11 दिसंबर 2023 | 12 : 13 मिनट से 12 दिसंबर 07 : 08 मिनट तक | अनुराधा |
शुक्रवार, 15 दिसंबर 2023 | 08 :10 मिनट से 16 दिसंबर 07 :09 मिनट तक | उत्तरा आषाढ़ा |
रविवार, 17 दिसंबर 2023 | 07 : 11 मिनट से 18 दिसंबर 02 : 54 मिनट तक | धनिष्ठा |
बुधवार, 20 दिसंबर 2023 | 07 :17 मिनट से 22 दिसंबर 21 : 32 मिनट तक | उत्तरा भाद्रपद |
रविवार, 24 दिसंबर 2023 | 21 :19 मिनट से 26 दिसंबर 07 : 15 मिनट तक | रोहिणी |
शुक्रवार, 29 दिसंबर 2023 | 01 : 04 मिनट से 30 दिसंबर 03 :09 मिनट तक | पुष्य |
नामकरण संस्कार का महत्व (नामकरण शुभ मुहुर्त 2023)
आपको बता दें कि हमारे धर्म शास्त्र में मनुष्य के जीवन काल में कुल 16 संस्कार बताए गए हैं। और इन्हे वैदिक काल से ही ऋषियो और मुनियो द्वारा समर्थन किया गया था। नामकरण संस्कार हमारे सोलह संस्कारों में से एक है जिसे हमें पूर्ण श्रद्धा और विधि विधान से करना चाहिए।, क्योंकि यह परिवार और समाज द्वारा बच्चे को एक पहचान दी जाती है।। यही कारण है कि नामकरण संस्कार का अपना अलग ही महत्व हैं। एक बच्चे के माता-पिता और संबंधि उसके जन्म के बाद उसे एक तय नाम से पुकारना शुरूकर देते हैं। लेकिन हिन्दू धर्मानुसार बच्चे का नामकरण संस्कार जब बच्चा बारह दिन का हो जाए तब किया जाना चाहिए।
सूर्य गोचर 2023
इस संस्कार के दौरान ज्योतिषी बच्चे की कुंडली पर ध्यान देता है और नक्षत्रों का अध्यन करने के बाद उसका नाम रखा जाता है। इस समारोह का सफल समापन बच्चे आशीर्वाद प्रदान करता है। यह आयोजित करना चाहिए, क्योंकि नामकरण समारोह के बाद बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर होता है। इस समारोह से बच्चे की जीवन संभावना भी बढ़ती है। यह समारोह बच्चे को विशेष रूप से अलग पहचान देता है, जो उसके भविष्य के लिए आवश्यक है।
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नामकरण समारोह के लिए शुभ महीना, नक्षत्र और तिथि (नामकरण शुभ मुहुर्त 2023)
- नामकरण बच्चे के जन्म के बारह दिन के बाद करना चाहिए।
- यह संस्कार बच्चे के जन्म से सूतक का समय पुरा होने के बाद किया जाता है।
- बच्चे के जन्म के 10वें -12वें दिन के बाद शुद्धिकरण किया जाता है और इस के बाद ही नामकरण का आयोजन करना चाहिए।
- चतुर्दशी, नवमी, चतुर्थी और अमावस्या के दिन को यह यह शुभ कार्यआयोजित नहीं करना चाहिए।
- शुक्रवार, बुधवार, सोमवारऔर गुरुवार जैसे शुभ दिनों में नामकरण संस्कार का आयोजन किया जा सकता है।
- उत्तरभाद्रपद, सतभिषक, अश्विनी, स्वाति, पुष्य, रोहिणी, चित्रा, रेवती, हस्त, अनुराधा, उत्तराषाढ़ा, मृगशिरा, श्रवणऔर उत्तराफाल्गुनी जैसे नक्षत्र इस आयोजन के लिए शुभ माने जाते हैं।
- विभिन्न रीति-रिवाजों के अनुसार बच्चे के लिए दो नाम चुने जाते हैं, एक को गुप्त रखा जाता है और दूसरा प्रचलित नाम बन जाता है।
- जन्म नक्षत्र के अनुसार बच्चे के नाम का चुनाव करना एक विशेषाधिकार बना दिया गया है। आयोजन भी ज्योतिषीय मार्गदर्शन में किया जाना चाहिए।
नामकरण समारोह के दौरान ध्यान देने योग्य कुछ बाते(नामकरण शुभ मुहुर्त 2023)
- समारोह के आयोजन के लिए आपका घर एक आदर्श स्थान है। लेकिन किसी विशेष परिस्थिति में समारोह को धार्मिक स्थान जैसे की मंदिर में आयोजित किया जाना चाहिए।
- राशि के अनुसार बच्चे के नाम का पसंद करें। कोई भी नाम रखकर बच्चे के भविष्य को जोखिम में न डाले। शुभ मुहूर्त को बच्चे की ग्रहों की स्थिति अध्ययन करके निकाला जा सकता है।
- नामकरण संस्कार शुभ मुहूर्त के अनुसार ही करना चाहिए।
- उस दिन मांसाहार और मदिरापान से दूर रहना चाहिए।
- नामकरण संस्कार के दिन गाय को रोटी या चारा खिलाएं।
- बच्चे के पिता को इस दिन दाढ़ी-बाल नहीं काटने चाहिए।
- मेहमानों के साथ स्नेहशील व्यवहार करना चाहिए।
- बच्चे को परिवार के वरिष्ठ सदस्यों का आशीर्वाद दिलवाये।
- इस समारोह में परिवार के सभी सदस्यों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।
- गरीबों को भोजन कराने से बच्चे पर विशेष कृपा होती है।
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