
कुंडली मिलान: नाम से
नाम से कुंडली मिलान के लिए कोई विशेष फ़ॉर्म्यूला नहीं है, क्योंकि कुंडली मिलान एक ज्योतिषीय प्रक्रिया है और इसमें विभिन्न गुणों को मिलाकर विवाह की संभावना का मूल्यांकन किया जाता है। गुण मिलान के लिए विशेष अंकों की गणना करने के लिए कुंडली के ग्रहों की स्थिति को देखा जाता है और इन्हें विशेष तकनीकों के द्वारा अंकित किया जाता है।
कुंडली मिलान के लिए विभिन्न गुणों को ध्यान में रखा जाता है, जैसे कि नाडी, भकूट दोष, राशि मैत्री, ग्रह मैत्री, गन्ध मैत्री आदि। इन गुणों की गणना और मिलान के आधार पर दोनों कुंडलियों के बीच योग्यता का मूल्यांकन किया जाता है।
शादी के लिए गुणों का मिलान करते समय आम रूप से 36 गुण मिलने चाहिए। यह गुण मिलान विधि ज्योतिष शास्त्र में “अष्टकूट गुण मिलान” या “गुण मिलाना” के रूप में जानी जाती है। इसमें कुल मिलने वाले गुणों की संख्या 36 होती है और इनमें से प्रत्येक गुण को विशेष अर्थ और महत्व दिया जाता है। यहां कुछ अंकों की एक उदाहरणीय सूची है जो कुंडली मिलान में शामिल होते हैं:
विद्वेषी (ग्रह मैत्री)
रसायन
गन्ध मैत्री
नक्षत्र मैत्री
भकूट दोष
राशि मैत्री
नाडी
भारतीय वैदिक ज्योतिष: एक प्राचीन गहन विज्ञान
प्रत्येक गुण का अपना विशेष महत्व होता है और इन्हें अलग-अलग तकनीकों से गणना किया जाता है। जब दोनों कुंडलियों के गुण मिलान का अंकित प्राप्त होता है, तो इन अंकों का मिलान किया जाता है और कुल 36 अंक की योग्यता या मिलान का पता लगाया जाता है।
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अधिकांश ज्योतिषियों के अनुसार, 18 से 24 गुणों का मिलना विवाह के लिए अनुशासनीय माना जाता है और यह शादी के लिए उपयुक्त माना जाता है। लेकिन कृपया ध्यान दें कि विवाह का निर्धारण करते समय गुण मिलान के अलावा भी विवाहीता जीवन के अन्य पहलुओं को ध्यान में रखना अनिवार्य होता है। विवाहीता जीवन की सफलता के लिए सामाजिक समझदारी, समर्थन, और समन्वय भी महत्वपूर्ण होते हैं